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गांधी जयंती पर निबंध (Essay on Gandhi Jayanti in Hindi) 2 अक्टूबर

महात्मा गांधी जी के जन्मदिन 2 अक्टूबर पर निबंध हिंदी में

गाँधी जयंती भारत में तीन सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय घटनाओं में से एक है। यह त्योहार पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है ताकि हमारे राष्ट्र के पिता के जन्मदिन को याद किया जा सके। गाँधी जयंती मनाने का मुख्य उद्देश्य महात्मा गांधी जी को सम्मान देना है जिन्होंने हमें ब्रिटिश शासन से आजादी दिलायी।

इस दिन को अहिंसा का अन्तर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में भी जाना जाता है। 2 अक्टूबर को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है। इस दिन सभी शैक्षणिक संस्थान, बैंक और कंपनियां आदि बंद रहती है। साथ ही इस दिन अल्कोहल बेचने जैसे सभी बुरी गतिविधियां सख्ती से प्रतिबंधित है क्योंकि बापू जी इन चीजों के सख्त खिलाफ थे।

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गाँधी जयंती के दौरान स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शैक्षणिक संस्थाओं में प्रार्थना, नाटक और भाषण पाठ सहित गतिविधियाँ आयोजित की जाती है। विभिन्न स्थानों पर गाँधी जयंती भाषण और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है। प्रतियोगिताओं में सर्वश्रेष्ठ कलाकारों को पुरस्कार भी दिए जाते हैं।

गाँधी जयंती पर पर सभी सरकारी कार्यालयों, स्कूलों, और कॉलेजों को गाँधी जयंती फोटो और छवि से सजाया जाता है। सबसे पहले श्मशान स्थान को माला और फूलों से सजाया जाता है। उसके बाद पुष्पांजलि देकर हमारे महान नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। उसके बाद बापू जी का पसंदीदा भजन गाया जाता है।

गाँधी जी के अनुसार, आजादी पाने के लिए सिर्फ सच्चाई और अहिंसा ही एकमात्र साधन है। वह कई बार जेल गए। महात्मा गाँधी सामाज में सबको समान मानते थे और अस्पृश्यता के खिलाफ थे। गाँधी अब युवाओं के लिए एक आदर्श मॉडल और प्रेरणादायक नेता बन गए है। नेल्सन मंडेला जैसे महान नेताओं ने स्वतंत्रता के लिए गाँधी के अहिंसा के सिद्धांत की प्रशंसा की।

स्वराज को हासिल करने के लिए गाँधी जी बहुत अच्छा काम किया। उन्होंने किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार किया और अस्पृश्यता जैसे अन्य सामाजिक बुराइयों को भी खत्म किया। उन्होंने महिला सशक्तिकरण का भी समर्थन किया। गाँधी ने असहयोग आंदोलन, दांडी मार्च और भारत छोड़ो आंदोलन जैसे विभिन्न आंदोलनों का नेतृत्व किया। ये सभी आंदोलन सफल हुए थे और युवाओं ने इनमें अहम साथ दिया।

गाँधी जयंती मनाने का मुख्य उद्देश्य महात्मा गाँधी जी को सम्मान देने और लोगों को गांधी के सिद्धांतों को वितरित करने और विचारों और मान्यताओं के चरणों का पालन करने के लिए जागरूक करना है। इस तरह हम हर साल हमारे राष्ट्र के पिता को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

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  1. महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था।
  2. महात्मा गांधी के पिता का नाम करमचंद गांधी व माता का नाम पुतली बाई था।
  3. इनका विवाह 15 वर्ष की आयु में हुआ, इनकी पत्नी का नाम कस्तूरबा था।
  4. गांधी जी ने बैरिस्टर बनने के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन से क़ानून की पढ़ाई की।
  5. उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में नागरिक अधिकारों के लिए कठिन संघर्ष किया।
  6. गांधी जी, गोपाल कृष्ण गोखले को अपना राजनीतिक गुरु मानते थे।
  7. गांधी जी लियो टालस्टाय की रचनाओं और गीता से बहुत प्रभावित थे।
  8. उन्होंने अंग्रेजों के विरुद्ध असहयोग, सविनय अवज्ञा जैसे आंदोलन किये।
  9. गांधी जी ने करो या मरो व अंग्रेजों भारत छोड़ो जैसे प्रसिद्ध नारे दिए।
  10. गांधी जी सत्य और अहिंसा के समर्थक थे, वे भारत में रामराज्य की स्थापना चाहते थे।
  11. 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने गांधी जी की गोली मारकर ह्त्या कर दी।
  12. महात्मा गांधी की समाधि आज भी नई दिल्ली के राजघाट में स्थित है। 
  13. वे भारत के सच्चे स्वंतंत्रता सेनानी थे, मुझे गर्व है की मैंने गांधी के देश में जन्म लिया। 

2 अक्टूबर का इतिहास क्या है ? क्यों मनाया जाता है 2 अक्टूबर ? जानते हैं 2 अक्टूबर पर निबंध के माध्यम से। 2 अक्टूबर हर साल देश के राष्ट्रपिता के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 में हुआ था। महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी है और इनको बापू के नाम से भी बुलाया जाता है। इस दिन बापू को श्रद्धांजलि देकर याद किया जाता है। साथ ही 2 अक्टूबर राष्ट्रीय उत्सव के रुप में भी मनाया जाता है। गांधी जयंती पर विशेष रूप से पूरे देश में सरकारी अवकाश होता है और स्कूलों में निबंध प्रतियोगिता भी आयोजित होती है। साथ ही 15 जून 2007 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अहिंसा के अंतरराष्ट्रीय दिवस के रुप में भी घोषित किया गया है। महात्मा गांधी ने देश की स्वतंत्रता में दिए योगदान को कोई नहीं भूल सकता। बापू ने अंग्रेजों के खिलाफ अपनी सारी जिंदगी संघर्ष कर देश को आजादी दिलवाई और पूरी जिंदगी देश के लिए अर्पित कर दी। आज के दिन बापू शांति, अहिंसा और सच्चाई के रुप में याद किए जाते है। यहां पर आप गांधी जयंती पर निबंध पढ़ सकते है।

गांधी जयंती पर निबंध (Essay on Gandhi Jayanti in Hindi)

गांधी जयंती २ अक्टूबर को पूरे उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन सरकारी अधिकारियों द्वारा दिल्ली के राजघाट पर तैयारियां की जाती हैं। राजघाट महात्मा गांधी का समाधि स्थान है। इस दिन राजघाट के समाधि स्थल को फूलों से सजाया जाता है और देश के सभी नेता राजघाट पर आकर देश के राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि देते है। समाधि के स्थान पर 2 अक्टूबर को सुबह प्रार्थना भी होती है और महात्मा गांधी जी के द्वारा दिए गए बलिदान को याद किया जाता है। देश को आजादी दिलाने के अनोखे तरीके को भी याद किया जाता है। क्योंकि बापू ने हमेशा अहिंसा का रास्ता चुना और अहिंसा का रास्ता चुनने की सीख दी।

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यह तो हम सब जानते हैं कि देश को आजाद करवाने में बापू का योगदान बहुत बड़ा है। उनको याद करने के साथ साथ उनके तरीके को भी सब याद करते है। गांधी जी ने देश के इतने बड़े आंदोलन की शुरुआत अहिंसा, सच्चाई और शांति के बलबूते से की थी। इन सिद्धांतों के बल से बापू ने देश को आजाद करवाया है। गांधी जी का मानना था कि अंग्रेज भारत में शासन इसलिए कर पाए क्योंकि उन्हें भारतीयों का साथ मिला। अंग्रेज सिर्फ भारत पर शासन करते थे। उसके अलावा उनको आर्थिक मदद भारतीयों से ही मिलती थी। जिसका फायदा गांधी जी ने बखूबी उठाया। गांधी जी ने पूरे देश को अंग्रेजी उत्पादों का पूरी तरीके से बहिष्कार करने की अपील की। जिसका फायदा भारत को हुआ और बहुत बड़ा नुकसान अंग्रेजो को हुआ।

बापू ने कई आंदोलन किए थे और सारे आंदोलन देश को आजादी दिलाने के लिए थे जो सफल हुए थे। पहले आंदोलन की शुरुआत 1919 से कहा जा सकता है। 1919 में जलियावाला बाग कांड के विरोध में आंदोलन हुआ था। जिसमें देशवासियों ने बापू का पूरा साथ दिया था। उसके बाद गांधी जी ने नमक सत्यग्रह की शुरुआत की जो सफल रहा। सबसे ज्यादा सफलता नमक सत्यग्रह को मिली। इस आंदोलन को दांडी यात्रा के नाम से भी जाना जाता है। यह यात्रा 26 दिनों तक चली थी। जो 12 मार्च 1930 को शुरु हुई थी और 6 अप्रैल 1930 को दांडी के एक तटीय गांव में समाप्त हुई थी।

 तुम जो भी करोगे वो नगण्य होगा, लेकिन यह ज़रूरी है कि तुम वो करो।

गांधी जी के आंदोलन कुछ लोगोे के साथ शुरु होते थे। लेकिन आंदोलन जैसे-जैसे आदोलन चलता वैसे वैसे लोग उसमें जुड़ते रहते थे। उनमें से एक उदाहरण नमक आंदोलन का दे सकते है। जो कुछ लोगों के साथ शुरु हुआ था लेकिन बाद में पूरा देश शामिल हो गया था। पूरा देश गांधी जी के मार्गदर्शन पर चलने के लिए तैयार थे। नमक यात्रा का मुख्य मकसद अंग्रेजी कर व्यवस्था का विरोध करना था। जिसकी वजह से भारतीयों का जीना दुष्वार हो गया था। इस आंदोलन कि वजह से कई गिरफ्तारियां भी हुई थी। लेकिन इस आंदोलन को अंग्रेज रोक नहीं पाए। और इस आंदोलन को आपार सफलता मिली। जिस वजह से अंग्रेजों को अपना शासन कमजोर होता नजर आ रहा था।

हर आंदोलन की सफलता को देखकर अंग्रेजों को सोचने पर भी मजबूर कर दिया था। अंग्रेजों को अहिंसा आंदोलन का सामना करना मुश्किल लगने लगा । इससे ज्यादा आसान उन्हें हिसंक आंदोलन का सामना करना लगने लगा था। अंग्रेजों की सरकार अपना शासन खोती हुई देख पा रही थी। ऐसा पहली बार हुआ था जब पूरा देश आजादी के लिए एकसाथ लड़ रहा था वो भी अहिंसा के बल पर। और देश की आजादी के आंदोलन में महिलाएं भी शामिल हुई थी। जिससे महिलाओं को खुद के लिए भी आजादी मिली थी। महात्मा गांधी ही थे वो इंसान जिसने पूरे देश को आजाद करवाने का सोचा और आंदोलन शुरु किए। उन्होंने पूरे देश को बताया की हर लड़ाई के लिए खून खराबा से पूरी नहीं होती है। लड़ाई अहिंसा का रास्ता अपनाकर भी की दा सकती है। चाहे वो देश को आजाद करवाने की लड़ाई ही क्यों न हो।

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